कईं बार हम कुछ ऐसी समस्याओं से घिर जाते हैं जब हमें रचनात्मकता से कुछ हल तलाशने होते हैं और वह भी जल्दी। तब हमें कुछ भी नहीं सूझता। तब हम सब क्या करें जिससे हम उस समय की मुसीबत भरी घड़ी से बाहर आ जाएँ। इसका उत्तर मुझे एक अंग्रेजी चिठ्ठे में मिला। उसमें निम्नलिखित कदम लिखे थे –
1. लक्ष्य का पता लगाना।
2. जानकारी की खोजबीन या उसे खंगालना
3. चुनौतियों का पता लगाना (कौन-कौन सी चीज़ों में अड़चने हैं या किस-किस चीज़ से वह अड़चनें हैं)
4. सम्सयाओं के हल के लिए विचारों और विकल्पों की फैहरिस्त तैयार करना
5. चुने हुए विचारों को अमल में लाने के लिए प्लान या योजना बनाना
:-):-):-)
वैसे इस क्रीयेटिविटी चैलेंज टॅक्नीक ने कुछ नया तो नहीं बताया। जो चीज़ें इसका भाग हैं वह हम सभी को पहले से ही मालूम हैं। फिर नया क्या है। मेरे ख्याल में यह नया है की हमें पता है कि हमें क्या करना है। हमें यह पता है कि हमें यह ही करना है और कुछ नहीं। हमें मालूम है कि हमारी समस्या का हल इधर से ही निकलेगा। तो जब हमारे पास समस्या हो तो हमें अपने आत्मविश्वास को कायम रखने में एक बहोत बड़ा साहारा मिलेगा क्योंकि हमें यह तुरंत पता है कि हमें क्या करना है। :-)
मगर इसको कामयाब बनाने में हमें बहोत सारा अभ्यास करना होगा क्योंकि बिना अभ्यास से सबसे अच्छी तकनीक भी सिर्फ़ एक किताबी पहलू बन कर रह जाती है। :-)
तो अब हमें अपने ध्यान का केंद्र अभ्यास को बनाना होगा। अभ्यासिए उदाहरण के लिए में पाठकों के लिए एक रचनात्मकता की चुनौती देते हुए एक अधूरी संक्षेप कहानी दे रहा हूँ जिसे आपने 200 अक्षरों में पूर्ण करना है। :-) --
एक बार एक देश के राजा की शादी नहीं हो रही होती है। उसका कारण उस राजा का गंजापन था। उसके आलावा उसका कारण था कि राजा सबसे सुन्दर युवती को ही अपनी रानी बनाना चाहता था। मगर जो युवती राजा को पसन्द आती वह राजा का प्रस्ताव यह कह कर ठुकरा देती की राजा के सिर पर बाल को नामो-निशान न था।
राजा की उम्र ढलती जा रही थी। इस कारण राजा बहोत मायूस रहने लगा था। उसकी यह मायूसी उसकी छोटी बहन, राजकुमारी चम्पावती से देखी नहीं जाती।
एक दिन अचानक चम्पावती महल से गायब हो गई। पहले से ही परेशान राजा पर मानो मुसीबतों का पाहाड़ टूट पड़ा। उसने चम्पावती को खोजने में रात दिन एक कर दिए मगर वह कहीं न मिली। राजा ने चम्पावती की ख़बर देने वाले के नाम बहोत ही बड़ा ईनाम रख दिया। फिर भी चम्पावती का कुछ पता न चला।
कईं वर्ष बीतने पर राजा के राज्य में एक बार एक घोड़-सवार का आगमन हुआ। मालूम पड़ा की वह दूर किसी देश की राजकुमारी की ओर से राजा के लिए विवाह प्रस्ताव लाया है। साथ ही में राजा के लिए भेंट के तौर पर उस राजकुमारी की एक प्रतिमा भी थी।
-------------
इसके आगे कि कहानी एक रचनात्मकता की चुनौति के रूप में आप पाठक गण पूरा कीजिए। :-) इसे आप इस चिठ्ठे की टिप्पणी के रूप में लिख सकते हैं। :-)
मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूँ कि यह करने में आपको खूब आनंद आएगा। :-)
1. लक्ष्य का पता लगाना।
2. जानकारी की खोजबीन या उसे खंगालना
3. चुनौतियों का पता लगाना (कौन-कौन सी चीज़ों में अड़चने हैं या किस-किस चीज़ से वह अड़चनें हैं)
4. सम्सयाओं के हल के लिए विचारों और विकल्पों की फैहरिस्त तैयार करना
5. चुने हुए विचारों को अमल में लाने के लिए प्लान या योजना बनाना
:-):-):-)
वैसे इस क्रीयेटिविटी चैलेंज टॅक्नीक ने कुछ नया तो नहीं बताया। जो चीज़ें इसका भाग हैं वह हम सभी को पहले से ही मालूम हैं। फिर नया क्या है। मेरे ख्याल में यह नया है की हमें पता है कि हमें क्या करना है। हमें यह पता है कि हमें यह ही करना है और कुछ नहीं। हमें मालूम है कि हमारी समस्या का हल इधर से ही निकलेगा। तो जब हमारे पास समस्या हो तो हमें अपने आत्मविश्वास को कायम रखने में एक बहोत बड़ा साहारा मिलेगा क्योंकि हमें यह तुरंत पता है कि हमें क्या करना है। :-)
मगर इसको कामयाब बनाने में हमें बहोत सारा अभ्यास करना होगा क्योंकि बिना अभ्यास से सबसे अच्छी तकनीक भी सिर्फ़ एक किताबी पहलू बन कर रह जाती है। :-)
तो अब हमें अपने ध्यान का केंद्र अभ्यास को बनाना होगा। अभ्यासिए उदाहरण के लिए में पाठकों के लिए एक रचनात्मकता की चुनौती देते हुए एक अधूरी संक्षेप कहानी दे रहा हूँ जिसे आपने 200 अक्षरों में पूर्ण करना है। :-) --
एक बार एक देश के राजा की शादी नहीं हो रही होती है। उसका कारण उस राजा का गंजापन था। उसके आलावा उसका कारण था कि राजा सबसे सुन्दर युवती को ही अपनी रानी बनाना चाहता था। मगर जो युवती राजा को पसन्द आती वह राजा का प्रस्ताव यह कह कर ठुकरा देती की राजा के सिर पर बाल को नामो-निशान न था।
राजा की उम्र ढलती जा रही थी। इस कारण राजा बहोत मायूस रहने लगा था। उसकी यह मायूसी उसकी छोटी बहन, राजकुमारी चम्पावती से देखी नहीं जाती।
एक दिन अचानक चम्पावती महल से गायब हो गई। पहले से ही परेशान राजा पर मानो मुसीबतों का पाहाड़ टूट पड़ा। उसने चम्पावती को खोजने में रात दिन एक कर दिए मगर वह कहीं न मिली। राजा ने चम्पावती की ख़बर देने वाले के नाम बहोत ही बड़ा ईनाम रख दिया। फिर भी चम्पावती का कुछ पता न चला।
कईं वर्ष बीतने पर राजा के राज्य में एक बार एक घोड़-सवार का आगमन हुआ। मालूम पड़ा की वह दूर किसी देश की राजकुमारी की ओर से राजा के लिए विवाह प्रस्ताव लाया है। साथ ही में राजा के लिए भेंट के तौर पर उस राजकुमारी की एक प्रतिमा भी थी।
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इसके आगे कि कहानी एक रचनात्मकता की चुनौति के रूप में आप पाठक गण पूरा कीजिए। :-) इसे आप इस चिठ्ठे की टिप्पणी के रूप में लिख सकते हैं। :-)
मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूँ कि यह करने में आपको खूब आनंद आएगा। :-)